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Home Ummeed Shayari Ummeed Shayari in Hindi - उम्मीद शायरी इन हिंदी

वो उम्मीद ना कर मुझसे जिसके मैं काबिल नहीं

वो उम्मीद ना कर मुझसे जिसके मैं काबिल नहींवो उम्मीद ना कर मुझसे जिसके मैं काबिल नहीं,
खुशियाँ मेरे नसीब में नहीं और यूँ बस,
दिल रखने के लिए मुस्कुराना भी वाज़िब नहीं।

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उम्मीद की कश्ती को डुबाया नहीं करतेउम्मीद की कश्ती को डुबाया नहीं करते,
साहिल अगर दूर हो तो रोया नहीं करते,
जो रखते हैं दिल में हौसला,
वो जिन्दगी में कुछ खोया नहीं करते ।

उम्मीद का लिबास तार तार ही सही पर सी लेना चाहिएउम्मीद का लिबास तार-तार ही सही, पर सी लेना चाहिए,
कौन जाने कब किस्मत माँग ले, इसको सर छुपाने के लिए ।

कटी हुई टहनिया कहा पर छाव देती हैंकटी हुई टहनिया कहा पर छाव देती हैं,
हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव ही देती हैं।

उम्मीदें तैरती रहती हैं कश्तियां डूब जाती हैंउम्मीदें तैरती रहती हैं, कश्तियां डूब जाती हैं,
कुछ घर सलामत रहते हैं, आंधिया जब भी आती हैं,
बचा ले जो हर तूफां से, उसे “आस” कहते हैं,
बड़ा मज़बूत है ये धागा, जिसे “विश्वास” कहते है।

ज़्यादा उम्मीद मत लगा इंसान ही तो हैज़्यादा उम्मीद मत लगा इंसान ही तो है,
थोड़ा फासला भी रख दुनिया ही तो है।

उम्मीदों की आग जब हद से ज्यादा होउम्मीदों की आग जब हद से ज्यादा हो,
बुझती है, सिर्फ अश्कों की बारिश से।

हौसले के तरकश में, कोशिश का वो तीर ज़िंदा रखोहौसले के तरकश में,
कोशिश का वो तीर ज़िंदा रखो,
हार जाओ चाहे जिन्दगी मे सब कुछ,
मगर फिर से जीतने की उम्मीद ज़िंदा रखो।

चीर के जमीन को मैं उम्मीद बोता हूँचीर के जमीन को, मैं उम्मीद बोता हूँ,
मैं किसान हूँ, चैन से कहाँ सोता हूँ।

उसकी प्यारी मुस्कान होश उड़ा देती हैंउसकी प्यारी मुस्कान होश उड़ा देती हैं,
उसकी आँखें हमें दुनिया भुला देती हैं,
आएगी आज भी वो सपने में यारो,
बस यही उम्मीद हमें रोज़ सुला देती हैं।

न मंज़िल है न मंज़िल की है कोई दूर तक उम्मीदन मंज़िल है, न मंज़िल की है कोई दूर तक उम्मीद,
ये किस रस्ते पे मुझको मेरा रहबर लेके आया है।

दरवेश इस उम्मीद में था के कोई आँखें पढ़ लेगादरवेश इस उम्मीद में था, के कोई आँखें पढ़ लेगा,
भूल बैठा के अब ये ज़बान समझाता कौन है।

अभी उसके लौट आने की उम्मीद बाकी हैअभी उसके लौट आने की उम्मीद बाकी है,
किस तरह से मैं अपनी आँखें मूँद लूँ।

अभी कुछ वक्त बाकी है अभी उम्मीद कायम हैअभी कुछ वक्त बाकी है, अभी उम्मीद कायम है,
कहीं से लौट आओ तुम, मोहब्बत सांस लेती है।

अब वफा की उम्मीद भी किस से करे भलाअब वफा की उम्मीद भी किस से करे भला,
मिटटी के बने लोग कागजो मे बिक जाते है।

कभी बादल,कभी बारिश,कभी उम्मीद के झरनेकभी बादल,कभी बारिश,कभी उम्मीद के झरने,
तेरे अहसास ने छू कर मुझे क्या-क्या बना डाला।

इतना भी मत रुठ मुझसे कि तुझे मनाने की उम्मीदइतना भी मत रुठ मुझसे,
कि तुझे मनाने की उम्मीद ही खत्म हो जाए।

दिल सा दिल से दिल के पास रहे तूदिल सा, दिल से, दिल के पास रहे तू,
बस यही उम्मीद है के खास रहे तू।

और दोस्ती जो चाहो चले ता-उम्रऔर दोस्ती जो चाहो, चले ता-उम्र,
तो दोस्तों से कोई भी,उम्मीद ना रखें।

दिल ने एक उम्मीद बरकरार रखी है ऐ दोस्तोंदिल ने एक उम्मीद बरकरार रखी है ऐ दोस्तों,
कही पढ़ लिया था कि सच्ची मोहब्बत लौटकर आती है।

सुना है हमने भी उम्मीद पे जीता है जमानासुना है हमने भी, उम्मीद पे जीता है जमाना,
क्या करे वो जिसकी कोई उम्मीद ही न हो।


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